Vocational Education in india 2021 – Best course

स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा

Vocational Education वह शिक्षा होती है जिसके द्वारा किसी खास विषय या क्षेत्र में महारत हासिल की जाती है। यह कौशल प्रशिक्षण की शिक्षा होती है. यह विविध पाठ्यक्रमों जैसे कम्प्यूटर, बैकिंग, वित्त, पर्यटन, व्यापार आदि क्षेत्रों में कुशल बनाया जाता है। आज हम यहाँ Vocational Education in india के बारे में चर्चा करेंगे। Vocational Education लोगों को विभिन्न नौकरियों जैसे कि व्यापार और शिल्प में काम करने के लिए प्रशिक्षित करती है। यह कैरियर and तकनीकी शिक्षा को संदर्भित करता है जो छात्रों को विशिष्ट कैरियर (Job) के लिए तैयार होने में सहायता करता है।

Vocational Education in India

विद्यार्थी अनेक विषयों के बारे में पढ़ तो लेते हैं But उन विषयों की सहायता से एक अच्छा व्यवसाय या रोजगार आसानी से प्राप्त नहीं कर सकते हैं। (Vocational Education) व्यावसायिक शिक्षा का उद्देश्य (aim) छात्रों को किसी विशेष पेशे, व्यापार या व्यवसाय के लिए तैयार करना है। इन पाठ्यक्रमों को विशेष रूप से छात्रों को नौकरी के लिए तैयार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। वर्तमान में कक्षा 9वी से ही व्यवसायिक शिक्षा का संचालन किया जाने लगा है।

Vocational Subject लेने से क्या होगा

यदि आप भी व्यवसायिक शिक्षा में रुचि रखते हैं तथा व्यवसायिक शिक्षा से जुड़ना चाहते हैं तो आपको व्यवसायिक शिक्षा में उपलब्ध अनेक ट्रेड (विषय ) में से किसी भी एक ट्रेड का चयन करना होगा यह ट्रेड आपकी रूचि पर निर्भर करती है।
व्यवसायिक शिक्षा में संस्था में पहले से संचालित तृतीय भाषा (संस्कृत) के स्थान पर व्यवसायिक शिक्षा के विषय को पढ़ाया जाता है।

मध्यप्रदेश शासन के स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के विषय

Subjects list for Vocational Educations in India

Subject pattern for Vocational Education in india

कक्षा 9 वी एवं कक्षा 10 वी में तृतीय भाषा के स्थान पर व्यावसायिक ट्रेंड के विकल्प के चयन की स्वतंत्रता रहेगी. दो भाषाएँ (प्रथम भाषा, द्वितीय भाषा) तथा तीन मुख्य विषय यथावत रहेंगे।
Class 11 वी एवं 12 वी में द्वितीय भाषा के स्थान पर व्यावसायिक ट्रेंड के विकल्प के चयन की स्वतंत्रता रहेगी but प्रथम भाषा एवं तीन विषय संकाय के यथावत रहेंगे।
कक्षा  IX से इस विषय के पास होने पर विद्यार्थी को एन.सी.डब्ल्यू.पी. (National Certifitificate for Work Prepraion) लेवल – 1 का Certifitificate, for class 10th लेवल – 2 का, कक्षा 11 वी में लेवल – 3 and for class लेवल – 4 का Certifitificate दिया जाएगा।

व्यावसायिक शिक्षा की बढ़ती आवश्यकता:

हमारे राष्ट्र के विकास के साथ, कुशल जनशक्ति की बढ़ती आवश्यकता है और व्यावसायिक शिक्षा छात्रों को नौकरी के लिए तैयार करती है। व्यवसाय और सरकारी क्षेत्रों दोनों में कुशल श्रम की माँग बढ़ी है। कुशल पेशेवरों की बढ़ती मांग के कारण व्यावसायिक शिक्षा में तेजी से वृद्धि हुई है। वर्तमान में शिक्षा रट्टा-लर्निंग पर अधिक जोर देती है न कि व्यावहारिक कार्य पर। प्रतिस्पर्धा बढ़ने के कारण छात्रों पर बहुत दबाव है। व्यावसायिक शिक्षा छात्रों को उनकी रुचि के कैरियर का चयन करने, व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने और तैयार करने की अनुमति देती है।

व्यावसायिक प्रशिक्षण के लाभ: (Job Opportunity in Vocational Education)

नौकरी के लिए तैयार: व्यावसायिक शिक्षा एक छात्र को विशेष रोजगार के लिए तैयार करती है। यह छात्रों को किसी विशेष नौकरी के लिए आवश्यक कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करता है जैसे कि इंटीरियर डिजाइनिंग, फैशन डिजाइनिंग, कंप्यूटर नेटवर्किंग, आदि।

आसान रोजगार: व्यावसायिक प्रशिक्षण छात्रों को रोजगार के अवसर खोजने में आसान बनाता है। विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के लिए कुशल और कुशल जनशक्ति की बढ़ती आवश्यकता है। व्यावसायिक प्रशिक्षण वाले छात्रों को प्राथमिकता दी जाती है because वे नौकरी के लिए सही कौशल, शिक्षा और ज्ञान रखते हैं।

कैरियर की उन्नति: ऐसे लोग जिनके पास पहले से ही एक नौकरी है और अपने करियर को बढ़ाने के लिए आगे के कौशल हासिल करना चाहते हैं, व्यावसायिक शिक्षा सबसे अच्छा विकल्प है। डिग्री पाठ्यक्रमों की तुलना में पाठ्यक्रम की अवधि काफी कम है, but प्रदान किए गए कौशल काफी महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं।

नौकरी से संतुष्टि: There is lots of indirectly benifits also. For example व्यावसायिक शिक्षा छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाती है और उन्हें अच्छी तरह से तैयार और प्रशिक्षित किया जाता है जो उन्हें विशिष्ट नौकरियों के लिए योग्य बनाता है। यह नौकरी की संतुष्टि को भी बढ़ाता है और उच्च Productions का result है।

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